बुधवार, 15 अप्रैल 2015

सर्जना मंच

सुप्रभात
आपका दिन मंगलमय हो
सर्जना मंच
श्री स्वर्णकार सोशल ग्रुप
रामनारायण सोनी
नेपाल और भारत में दिनांक २५ अप्रैल को आये भूकम्प से हुए जानमाल की हानि पर मंच अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता है। हम  प्रार्थना है कि ईश्वर उनके परिवार को इस क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।


messaje from Anjali:
[2:12pm, 4/29/2015]   

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परमात्मा का "शुक्र" करने से
"खुशियो" मे बदल जाती है। **************
"क्योकि
इस धरा का
इस धरा पर
सब धरा रह जायेगा।"
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कितनी सरल भाषा में वेद वाक्य कह दिया गया है, इसके लिए साधुवाद।  लेकिन इसके साथ इसके पूर्व का आधा वाक्य वेद की इस ऋचा में है।

 ईशा वास्यमिदँ सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्।
तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम् ॥१॥ यजुर्वेद ४०/१।। 
या सम्पूर्ण जगत में जो कुछ भी मौजूद है उसमे परमात्मा व्याप्त है (यानि जर्रे-जर्रे में वह समाया है) उसका ध्यान रखते हुए त्यागपूर्वक उसे भोगते रहो, इसमें आसक्त मत होओ. यह धन किसका है अर्थात किसी का नही।


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